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सिक्किम

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सिक्किम
राज्य
(ऊपर से दक्षिणावर्त)कंचनजंघा;गुरुडोंगमर झील;टेमी टी गार्डन;नाम्ची में सिद्धेश्वर धाम मंदिर परिसर;रुमटेक मठ
प्रतीक
ध्येय: खाम सम वांगडु
(तीनों लोकों के विजेता)
गान:जहान बागचा तीस्ता रंगीत
(जहां तीस्ता और रंगीत बहती हैं)
Location of सिक्किम की स्थिति
निर्देशांक(गान्तोक):27°33′N88°30′E /27.550°N 88.500°E /27.550; 88.500निर्देशांक:27°33′N88°30′E /27.550°N 88.500°E /27.550; 88.500
देश भारत
संघ में प्रवेश16 मई 1975
राजधानीगान्तोक
सबसे बड़ा शहरगान्तोक
जिले6
शासन
  सभासिक्किम सरकार
  राज्यपालगंगा प्रसाद
  मुख्यमंत्रीप्रेम सिंह तमांग
  विधानमण्डलएकसदनीय
  संसदीय क्षेत्रलोकसभा (1 सीट)
राज्य सभा (1 सीट)
  उच्च न्यायालयसिक्किम उच्च न्यायालय
क्षेत्रफल
  कुल7096 किमी2 (2,740 वर्गमील)
क्षेत्र पद27वां
जनसंख्या(2011)[1]
  कुल610,577
  पद28वां
  घनत्व86 किमी2 (220 वर्गमील)
भाषाएँ[2][3]
  राजभाषा
  अतिरिक्त आधिकारिक
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+05:30)
ISO 3166 कोडIN-SK
वाहन पंजीकरणSK
मानव विकास सूचकांक(2019)वृद्धि 0.717 (High) •10वां
साक्षरता82.6% (13वां)
वेबसाइटwww.sikkim.gov.in
सिक्किम की विधानसभा ने राजशाही को समाप्त कर दिया औरभारत की एक घटक इकाई होने का संकल्प लिया। इन मुद्दों पर एक जनमत संग्रह हुआ और अधिकांश मतदाताओं ने हां में मतदान किया। 15 मई 1975 को भारत के राष्ट्रपति ने एक संवैधानिक संशोधन की पुष्टि की जिसने सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बना दिया।

सिक्किम (सिक्किम (या,सिखिम)भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीयराज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम मेंनेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनीतिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व मेंभूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल(बङ्गाल) राज्य इसके दक्षिण में है।[4]अंग्रेजी,गोर्खा खस भाषा,लेप्चा,भूटिया,लिम्बू तथाहिंदी आधिकारिक भाषाएँ हैं।हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं।गान्तोक(गङ्गटोक) राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।[5]

सिक्किमनाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत में विलय और जनमत के कारण 1975 में एक जनमत-संग्रह(सङ्ग्रह) के साथ भारत में इसका विलय हो गया।[6] उसी जनमत संग्रह(सङ्ग्रह) के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाँचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ।[7]

सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम[8] तथा क्षेत्रफलगोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफी विविधतापूर्ण है। कञ्चनजञ्गा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग मेंनेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी को प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुन्दरता पुची एवम् राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत मेंपर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। सिक्किम में एक बार आए आपका रोम रोम रोमांचित हो जायेगा

नाम का मूल

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'सिक्किम' शब्द का सर्वमान्य स्रोतलिम्बू भाषा के शब्दोंसु (अर्थात "नवीन") तथाख्यिम (अर्थात "महल" अथवा "घर" - जो कि प्रदेश के पहले राजा फुन्त्सोक नामग्याल के द्वारा बनाये गये महल का संकेतक है) को जोड़कर बना है।तिब्बती भाषा में सिक्किम को "चावल की घाटी" कहा जाता है।[9]

द्रुल चोर्तेन स्तूपगान्तोक का प्रसिद्धस्तूप

१९४७ में एक लोकप्रिय मत द्वारा सिक्किम काभारत में विलय को अस्वीकार कर दिया गया और तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्रीजवाहर लाल नेहरू ने सिक्किम को संरक्षित राज्य का दर्जा प्रदान किया। इसके तहत भारत सिक्किम का संरक्षक हुआ। सिक्किम के विदेशी, राजनयिक अथवा सम्पर्क संबन्धी विषयों की ज़िम्मेदारी भारत ने संभाल ली।

सन १९५५ में एक राज्य परिषद् स्थापित की गई जिसके अधीन चोग्याल को एक संवैधानिक सरकार बनाने की अनुमति दी गई। इस दौरान सिक्किम नेशनल काँग्रेस द्वारा पुनः मतदान और नेपालियों को अधिक प्रतिनिधित्व की मांग के चलते राज्य में गडबडी की स्थिति पैदा हो गई। १९७३ में राजभवन के सामने हुए दंगो के कारणभारत सरकार से सिक्किम को संरक्षण प्रदान करने का औपचारिक अनुरोध किया गया। चोग्याल राजवंश सिक्किम में अत्यधिक अलोकप्रिय साबित हो रहा था। सिक्किम पूर्ण रूप से बाहरी दुनिया के लिये बंद था और बाह्य विश्व को सिक्किम के बारे मैं बहुत कम जानकारी थी। यद्यपि अमरीकन आरोहकगान्तोक के कुछ चित्र तथा अन्य कानूनी प्रलेख की तस्करी करने में सफल हुआ। इस प्रकार भारत की कार्यवाही विश्व के दृष्टि में आई। यद्यपि इतिहास लिखा जा चुका था और वास्तविक स्थिति विश्व के तब पता चला जब काजी (प्रधान मंत्री) नें १९७५ में भारतीय संसद को यह अनुरोध किया कि सिक्किम को भारत का एक राज्य स्वीकार कर उसेभारतीय संसद में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए। अप्रैल १९७५ मेंभारतीय सेना सिक्किम में प्रविष्ट हुई और राजमहल के पहरेदारों को निःशस्त्र करने के पश्चात गान्तोक को अपने कब्जे में ले लिया। दो दिनों के भीतर सम्पूर्ण सिक्किम राज्य भारत सरकार के नियंत्रण में था। सिक्किम को भारतीय गणराज्य में सम्मिलित्त करने का प्रश्न पर सिक्किम की ९७.५ प्रतिशत जनता ने समर्थन किया। कुछ ही सप्ताह के उपरांत १६ मई १९७५ में सिक्किम औपचारिक रूप सेभारतीय गणराज्य का २२ वांप्रदेश बना और सिक्किम में राजशाही का अंत हुआ। सिक्किम सन 1642 में वजूद में आया, जब फुन्त्सोंग नाम्ग्याल को सिक्किम का पहला चोग्याल(राजा) घोषित किया गया. नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षुओं ने राजा घोषित किया था। इस तरीके से सिक्किम में राजतन्त्र का की शुरुआत हुई. जिसके बाद नाम्ग्याल राजवंश ने 333 सालों तक सिक्किम पर राज किया.

1975 में बना राज्य

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भारत ने 1947 में स्वाधीनता प्राप्त की। इसके बाद पूरे देश में सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में अलग-अलग रियासतों का भारत में विलय किया गया। इसी क्रम में 6 अप्रैल, 1975 की सुबह सिक्किम के चोग्याल को अपने राजमहल के द्वार के बाहर भारतीय सैनिकों के ट्रकों की आवाज़ सुनाई दी।भारतीय सेना ने राजमहल को चारों दिशा से घेर रखा था। सेना ने राजमहल पर उपस्थित २४३ सैनिकों पर तुरंत नियंत्रण प्राप्त किया और सिक्किम की स्वतंत्रता की समाप्ति हो गयी। इसके बाद चोग्याल को उनके महल में ही नज़रबंद कर दिया गया।

इसके बाद सिक्किम में जनमत संग्रह कराया गया।जनमत संग्रह में 97.5 प्रतिशत लोगों ने भारत के साथ जाने का मत रखा। जिसके बाद सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का 36वा संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पेश किया गया.श उसी दिन इसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया। वहीं राज्यसभा में यह बिल 26 अप्रैल को पास हुआ और 15 मई, 1975 को जैसे ही राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए, नाम्ग्याल राजवंश का शासन समाप्त हो गया.

वर्ष २००२ मेंचीन को एक बड़ी लज्जा का सामना तब करना पड़ा जब सत्रहवें कर्मापा उर्ग्यें त्रिन्ले दोरजी, जिन्हें चीनी सरकार एक लामा घोषित कर चुकी थी, एक नाटकीय अंदाज में तिब्बत से भाग कर सिक्किम कीरुम्तेक मठ में जा पहुंचे। चीनी अधिकारी इस धर्मसंकट में जा फँसे कि इस बात का विरोध भारत सरकार से कैसे करें। भारत से विरोध करने का अर्थ यह निकलता कि चीनी सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से सिक्किम को भारत के अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार लिया है।

चीनी सरकार की अभी तक सिक्किम पर औपचारिक स्थिति यह थी कि सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य है जिस पर भारत नें अधिक्रमण कर रख्खा है।[7][10] चीन ने अंततः सिक्किम को २००३ में भारत के एक राज्य के रूप में स्वीकार किया जिससे भारत-चीन संबंधों में आयी कड़वाहट कुछ कम हुई। बदले में भारत नेंतिब्बत को चीन का अभिन्न अंग स्वीकार किया।

भारत और चीन के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के अनुसार चीन ने एक औपचारिक मानचित्र जारी किया जिसमें सिक्किम को स्पष्ट रूप में भारत की सीमा रेखा के भीतर दिखाया गया। इस समझौते पर चीन के प्रधान मंत्रीवेन जियाबाओ और भारत के प्रधान मंत्रीमनमोहन सिंह ने हस्ताक्षर किया। ६ जुलाई २००६ कोहिमालय केनाथुला दर्रे को सीमावर्ती व्यापार के लिए खोल दिया गया जिससे यह संकेत मिलता है कई इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच सौहार्द का भाव उत्पन्न हुआ है।[11]

भूगोल

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सिक्किम के पश्चिम में हिमालय की चोटियाँ

अंगूठे के आकार का सिक्किम पूरा पर्वतीय क्षेत्र है। विभिन्न स्थानों की ऊँचाई समुद्री तल से २८० मीटर (९२० फीट) से ८,५८५ मीटर (२८,००० फीट) तक है।कंचनजंगा यहाँ की सबसे ऊंची चोटी है। प्रदेश का अधिकतर भागखेतीकृषि के लिये अन्युपयुक्त है। इसके बावजूद कुछ ढलान को खेतों में बदल दिया गया है और पहाड़ी पद्धति से खेती की जाती है। बर्फ से निकली कई धारायें मौजूद होने के कारण सिक्किम के दक्षिण और पश्चिम में नदियों की घाटियाँ बन गईं हैं। यह धारायें मिलकरतीस्ता एवंरंगीत बनाती हैं। टीस्ता कोसिक्किम की जीवन रेखा भी कहा जाता है और यह सिक्किम के उत्तर से दक्षिण में बहती है। प्रदेश का एक तिहाई भाग घने जंगलों से घिरा है।

सिक्किम के उत्तर मेंहिमालय पर्वत श्रंखला
उत्तर सिक्किम में स्थित गुरुडांगमार सरोवर

हिमालय की ऊँची पर्वत श्रंखलाओं ने सिक्किम को उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी दिशाओं में अर्धचन्द्राकार। अर्धचन्द्र में घेर रखा है। राज्य के अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र अधिकतर राज्य के दक्षिणी भाग मे, हिमालय की कम ऊँचाई वाली श्रंखलाओं में स्थित हैं। राज्य में अट्‌ठाइस पर्वत चोटियाँ, इक्कीसहिमानी, दो सौ सत्ताईस झीलें। झील (जिनमेत्सोंगमो_झील चांगु झील, गुरुडोंग्मार झील और खेचियोपल्री झील शामिल हैं), पाँच गर्म पानी के चश्मे। गर्म पानी का चश्मा और सौ से अधिक नदियाँ और नाले हैं। आठ पहाड़ी दर्रे सिक्किम को तिब्बत, भूटान और नेपाल से जोड़ते हैं।[4]

सिक्किम के शहर और कस्बे

सिक्किम की पहाड़ियाँ मुख्यतःनेस्ती(gneissose) औरअर्द्ध-स्कीस्तीय(half-schistose) पत्थरों से बनी हैं, जिस कारण उनकी मिट्टी भूरी मृत्तिका, तथा मुख्यतः उथला और कमज़ोर है। यहाँ की मिटटी खुरदरी तथालौह जारेय से थोड़ी अम्लीय है। इसमें खनिजी और कार्बनिक पोषकों का अभाव है। इस तरह की मिट्टी सदाबहार और पर्णपाती वनों के योग्य है।

सिक्किम की भूमि का अधिकतर भागकेम्ब्रिया-पूर्व(Precambrian) चट्टानों से आवृत है जि आयु पहाड़ों से बहुत कम है। पत्थरफ़िलीतियों। फ़िलीत(phyllite) औरस्कीस्त से बने हैं इस कारणवश यहां की ढलान बहुत तीक्ष्ण हैweathering और अपरदन ज़्यादा है।.जो कि बहुत अधिक मात्रा में बारिश का कारण और बहुत अधिक मृदा अपरदन जिससे मृदा के पोषक तत्वों का भारी नुक़सान होता है। इस के परिणाम स्वरूप यहां आये दिन भूस्खलन होते रहते हैं, जो बहुत से छोटे गावों और कस्बों का शहरी इलाकों से संपर्क विछ्छेद कर देते हैं।[4]

गरम पानी के झरने

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सिक्किम में गरम पानी के अनेक झरने हैं जो अपनी रोगहर क्षमता के लिये विख्यात हैं। सबसे महत्वपूर्ण गरम पानी के झरनेफुरचाचु,युमथांग,बोराँग,रालांग,तरमचु औरयुमी सामडोंग हैं। इन सभी झरनों में काफी मात्रा मेंसल्फर पाया जाता है और ये नदी के किनारे स्थित हैं। इन गरम पानी के झरनों का औसत तापमान ५० °C (सेल्सियस) तक होता है।

यहाँ का मौसम जहाँ दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंधी है तो वहींटुंड्रा प्रदेश के मौसम की तरह है। यद्यपि सिक्किम के अधिकांश आवासित क्षेत्र में, मौसम समशीतोष्ण (टैंपरेट) रहता है और तापमान कम ही 28 °सै (82 °फै) से ऊपर यां 0 °सै (32 °फै) से नीचे जाता है। सिक्किम में पांच ऋतुएं आती हैं:सर्दी,गर्मी,बसंत औरपतझड़ औरवर्षा, जो जून और सितंबर के बीच आती है। अधिकतर सिक्किम में औसत तापमान लगभग 18 °सै (64 °फै) रह्ता है। सिक्किम भारत के उन कुछ ही राज्यों में से एक है जिनमे यथाक्रम वर्षा होती है। हिम रेखा लगभग ६००० मीटर (१९६०० फीट) है।

मानसून के महीनों में प्रदेश में भारी वर्षा होती है जिससे काफी संख्या मेंभूस्खलन होता है। प्रदेश में लगातार बारिश होने का कीर्तिमान ११ दिन का है। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में शीत ऋतु में तापमान -40 °C से भी कम हो जाता है। शीत ऋतु एवं वर्षा ऋतु मेंकोहरा भी जन जीवन को प्रभावित करता है जिससे परिवहन काफी कठिन हो जाता है।[4]

उपविभाग

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सिक्किम के चार जनपद और उनके मुख्यालय

सिक्किम में चार जनपद हैं। प्रत्येक जनपद (जिले) को केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा नियुक्तजिलाधिकारी देखता है। चीन की सीमा से लगे होने के कारण अधिकतर क्षेत्रों मेंभारतीय सेना का बाहुल्य दिखाई देता है। कई क्षेत्रों में प्रवेश निषेध है और लोगों को घूमने के लिये परमिट लेना पड़ता है। सिक्किम में कुल आठ कस्बे एवं नौ उप-विभाग हैं।

यह चार जिलेपूर्व सिक्किम,पश्चिम सिक्किम,उत्तरी सिक्किम एवंदक्षिणी सिक्किम हैं जिनकी राजधानियाँ क्रमश:गान्तोक,गेज़िंग,मंगन एवंनामची हैं।[5] यह चार जिले पुन: विभिन्न उप-विभागों में बाँटे गये हैं। "पकयोंग" पूर्वी जिले का, "सोरेंग" पश्चिमी जिले का, "चुंगथांग" उत्तरी जिले का और "रावोंगला" दक्षिणी जिले का उपविभाग है।[12]

जीव-जन्तु एवं वनस्पति

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बुरुंश (रोह्डोडैंड्रौन) सिक्क्म का राजवृक्ष है

सिक्किम हिमालय के निचले हिस्से में पारिस्थितिक गर्मस्थान में भारत के तीन पारिस्थितिक क्षेत्रों में से एक बसा हुआ है। यहाँ के जंगलों में विभिन्न प्रकार के जीव जंतु एवं वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। अलग अलग ऊँचाई होने की वज़ह से यहाँ ट्रोपिकल, टेम्पेरेट, एल्पाइन और टुन्ड्रा तरह के पौधे भी पाये जाते हैं। इतने छोटे से इलाके में ऐसी भिन्नता कम ही जगहों पर पाई जाती है।

सिक्किम के वनस्पति में उपोष्णकटिबंधीय से अल्पाइन क्षेत्रों से होने वाली प्रजातियों की एक बड़ी शृंखला के साथरोडोडेंड्रॉन, राज्य पेड़ शामिल है। सिक्किम की निचली ऊँचाई में ऑर्किड,अंजीर, लॉरेल, केला, साल के पेड़ औरबांस, जो उप-उष्णकटिबंधीय प्रकार के वातावरण में पनपते हैं। 1,500 मीटर से ऊपर समशीतोष्ण ऊँचाई में, ओक्स, मैपल, बर्च, अल्डर, और मैग्नीओली बड़ी संख्या में बढ़ते हैं। अल्पाइन प्रकार की वनस्पति में जूनिपर,पाइन, एफआईआर, साइप्रस और रोडोडेंड्रॉन शामिल हैं, और आमतौर पर 3,500 मीटर से 5,000 मीटर की ऊँचाई के बीच पाए जाते हैं। सिक्किम में करीब 5,000 फूल पौधे हैं, 515 दुर्लभ ऑर्किड, 60 प्राइम्युलस प्रजातियां, 36 रोडोडेंड्रॉन प्रजातियां, 11 ओक्स किस्मों, 23 बांस की किस्में, 16 शंकुधारी प्रजातियां, 362 प्रकार केफर्न और फर्न सहयोगी, 8 पेड़ के फर्न, और 424 औषधीय पौधों है। आर्किड डेंडरोबियम नोबाइल सिक्किम का आधिकारिक फूल है।

जीवों में हिमालयी काला भालू,पहाड़ी तेंदुए, कस्तूरी हिरण, भोरल, हिमालयी ताहर,लाल पांडा, हिमालयी मार्मॉट,सीरो, गोरल, भौंकने वाला हिरण, आम लंगूर, बादलों का तेंदुआ, पत्थरदार बिल्ली, तेंदुए बिल्ली, जंगली कुत्ता, तिब्बती भेड़िया, हॉग बैजर, बिंटूरोंग, जंगल बिल्ली और सिवेट बिल्ली। अल्पाइन ज़ोन में अधिक सामान्यतः पाए जाने वाले जानवरों का मुख्य रूप से उनके दूध, मांस और बोझ उठाने वाले जानवर के रूप में पालन किया जाता है।

सिक्किम के पक्षी जगत में प्रमुख हैं - इम्पेयान तीतर, लाल सींग वाला तीतर, हिम तीतर, हिम मुर्गा, लैमरगेयर और ग्रिफ़ॉन गिद्ध, साथ ही गोल्डन ईगल, बटेर, प्लोवर, वुडकॉक, सैंडपाइपर, कबूतर, ओल्ड वर्ल्ड फ्लाईकैचर, बैबलर और रॉबिन, यहां पक्षियों की कुल 550 प्रजातियां अभिलिखित की गयी हैं, जिन में से कुछ को विलुप्तप्रायः घोषित किया गया है।[4]

अर्थ-व्यवस्था

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वृहत् अर्थव्यवस्थासंबंधी प्रवाह

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यहसांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी सिक्किम के सकल घरेलू उत्पाद के प्रवाह की एक झलक है (करोड़ रुपयों में)[13]

सालसकल घरेलू उत्पाद
१९८०५२
१९८५१२२
१९९०२३४
१९९५५२०
२०००९७१
२००३२३७८.६

२००४ के आँकड़ों के अनुसार सिक्किम कासकल घरेलू उत्पाद $४७८मिलियन होने का अनुमान लगाया गया है।

सिक्किम एक कृषि प्रधान। कृषि राज्य है और यहाँ सीढ़ीदार खेतों में पारम्परिक पद्धति से कृषि की जाती है। यहाँ के किसानइलाईची,अदरक,संतरा,सेब,चाय औरपीनशिफ आदि की खेती करते हैं।[5]चावल राज्य के दक्षिणी इलाकों में सीढ़ीदार खेतों में उगाया जाता है। सम्पूर्ण भारत में इलाईची की सबसे अधिक उपज सिक्किम में होती है। पहाड़ी होने के बावजूद यहाँ पर बहुत औद्योगिक इकाइयां है। ज्यादातर दवा उद्योग । जैसे सन फार्मा। आदि। यहाँ उद्योग तेज़ी से पनप रहे है भारत के कई राज्यो से लोग यहाँ नौकरी के लिए आते है।मद्यनिर्माणशाला,मद्यनिष्कर्षशाला,चर्म-उद्योग तथाघड़ी-उद्योग सिक्किम के मुख्य उद्योग हैं। यह राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित हैं- मुख्य रूप सेमेल्ली औरजोरेथांग नगरों में। राज्य में विकास दर ८.३% है, जो दिल्ली के पश्चात राष्ट्र भर में सर्वाधिक है।[14]

इलायची सिक्किम की मुख्यनकदी फसल है

हाल के कुछ वर्षों में सिक्किम की सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना प्रारम्भ किया है। सिक्किम में पर्यटन का बहुत संभावना है और इन्हीं का लाभ उठाकर सिक्किम की आय में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। आधारभूत संरचना में सुधार के चलते, यह उपेक्षा की जा रही है पर्यटन राज्य में अर्थव्यवस्था के एक मुख्य आधार के रूप में सामने आयेगा। ऑनलाइन सट्टेबाजी राज्य में एक नए उद्योग के रूप में उभर कर आया है। "प्लेविन"जुआ, जिसे विशेष रूप से तैयार किए गए अंतकों पर खेला जाता है, को राष्ट्र भर में खूब वाणिज्यिक सफलता हासिल हुई है।[15][15] राज्य में प्रमुख रूप सेताम्बा,डोलोमाइट,चूना पत्थर,ग्रेफ़ाइट,अभ्रक,लोहा औरकोयला आदि खनिजों का खनन किया जाता है।[16]

जुलाई ६,२००६ कोनाथूला दर्रा, जो सिक्किम कोल्हासा,तिब्बत से जोड़ता है, के खुलने से यह आशा जतायी जा रही है कि इससे सिक्किम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, भले वे धीरे-धीरे ही देखने को मिलें। यह दर्रा, जो १९६२ में१९६२ भारत-चीन युद्ध। भारत-चीन युद्ध के पश्चात बंद कर दिया गया था, प्राचीनरेशम मार्ग का एक हिस्सा था औरऊन,छाल औरमसालों। मसाला के व्यापार में सहायक था।[11]

परिवहन

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सिक्किम में कठिन भूक्षेत्र के कारण कोई हवाई अड्डा नहीं था पर अभी एक हवाई अड्डा बन गया है। अथवा रेल स्टेशन नहीं है। समीपतम दूसरा हवाईअड्डा। बागडोगरा हवाई अड्डा है। यह हवाईअड्डा गान्तोक से १२४ कि०मी० दूर है। गान्तोक से बागदोगरा के लियेसिक्किम हेलीकॉप्टर सर्विस द्वारा एकहेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है जिसकी उड़ान ३० मिनट लम्बी है, दिन में केवल एक बार चलती है और केवल ४ लोगों को ले जा सकती है।[17] गान्तोक हैलीपैड राज्य का एकमात्र असैनिक हैलीपैड है। निकटतमरेल स्टेशननई जलपाईगुड़ी में है जो सिलीगुड़ी से १६ किलोमीटर। कि०मी० दूर है।[5]

राष्ट्रीय राजमार्ग ३१A सिलीगुड़ी को गान्तोक से जोड़ता है। यह एक सर्व-ऋतु मार्ग है तथा सिक्किम मेंरंग्पो पर प्रवेश करने के पश्चाततीस्ता नदी के समानान्तर चलता है। अनेक सार्वजनिक अथवा निजी वाहन हवाई-अड्डे, रेल-स्टेशन तथा सिलिगुड़ी को गान्तोक से जोड़ते हैं।मेल्ली से आने वाले राजमार्ग की एक शाखा पश्चिमी सिक्किम को जोड़ती है। सिक्किम के दक्षिणी और पश्चिमी शहर सिक्किम को उत्तरी पश्चिमी बंगाल के पर्वतीय शहरकलिम्पोंग औरदार्जीलिंग से जोड़ते हैं। राज्य के भीतरचौपहिया वाहन लोकप्रिय हैं क्योंकि यह राज्य की चट्टानी चढ़ाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम होते हैं। छोटी बसें राज्य के छोटे शहरों को राज्य और जिला मुख्यालयों से जोड़ती हैं।[5]

जनसांख्यिकी

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Religion in Sikkim (2011)[18]██ हिन्दू (57.8%)██ बौद्ध (27.3%)██ ईसाई (9.9%)██ मुसलमान (1.4%)██ अन्य (3.7%)

मानवजातीय रूप से सिक्किम के अधिकतर निवासीनेपाली हैं जिन्होंने प्रदेश में उन्नीसवीं सदी में प्रवेश किया।भूटिया सिक्किम के मूल निवासियों में से एक हैं, जिन्होंने तिब्बत के खाम जिले से चौदवीं सदी में पलायन किया औरलेप्‍चा, जो स्थानीय मान्यतानुसार सुदूर पूर्व से आये माने जाते हैं। प्रदेश के उत्तरी तथा पूर्वी इलाक़ों मेंतिब्बती बहुतायत में रहते हैं। अन्य राज्यों से आकर सिक्किम में बसने वालों में प्रमुख हैंमारवाड़ी लोग। मारवाड़ी, जोदक्षिण सिक्किम तथा गान्तोक में दुकानें चलाते हैं;बिहारी जो अधिकतरश्रमिक हैं; तथाबंगाली लोग। बंगाली।

हिन्दू धर्म राज्य का प्रमुख धर्म है जिसके अनुयायी राज्य में ६०.९% में हैं।[19]बौद्ध धर्म के अनुयायी २८.१% पर एक बड़ी अल्पसंख्या में हैं।[19] सिक्किम में ईसाई। ईसाइयों की ६.७% आबादी है जिनमे मूल रूप से अधिकतर वे लेपचा हैं जिन्होंने उन्नीसवीं सदी के उत्तरकाल में संयुक्त राजशाही। अंग्रेज़ीधर्मोपदेशकों के प्रचार के बाद ईसाई मत अपनाया। राज्य में कभी साम्प्रदायिक तनाव नहीं रहा। मुसलमानों की १.४% प्रतिशत आबादी के लिए गान्तोक के व्यापारिक क्षेत्र में औरमंगन मेंमस्जिद। मस्जिदें हैं।[19]

नेपाली सिक्किम का प्रमुख भाषा है। सिक्किम में प्रायःअंग्रेज़ी औरहिन्दी भी बोली और समझी जाती हैं। यहाँ की अन्य भाषाओं मेंभूटिया, जोंखा,ग्रोमा, गुरुंग,लेप्चा, लिम्बु,मगर,माझी,मझवार,नेपालभाषा,दनुवार,शेर्पा, सुनवार भाषा। सुनवार,तामाङ, थुलुंग,तिब्बती औरयाक्खा शामिल हैं।[5][20]

५,४०,४९३ की जनसंख्या के साथ सिक्किम भारत का न्यूनतम आबादी वाला राज्य है,[21] जिसमें पुरुषों की संख्या २,८८,२१७ है और महिलाओं की संख्या २,५२,२७६ है। सिक्किम में जनसंख्या का घनत्व ७६ मनुष्य प्रतिवर्ग किलोमीटर है पर भारत में न्यूनतम है। विकास दर ३२.९८% है (१९९१-२००१)।लिंगानुपात ८७५स्त्री प्रति १०००पुरुष है। ५०,००० की आबादी के साथ गान्तोक सिक्किम का एकमात्र महत्तवपूर्ण शहर है। राज्य में शहरी आबादी लगभग ११.०६% है।[12]प्रति व्यक्ति आय ११,३५६रु० है, जो राष्ट्र के सबसे सर्वाधिक में से एक है।[20]

रुमटेक मठ

संस्कृति

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ल्होसारके दौरान लाचुंग में गुम्पा नृत्य

सिक्किम के नागरिक भारत के सभी मुख्य हिन्दू त्योहारों जैसेदीपावली औरदशहरा, मनाते हैं। बौद्ध धर्म केल्होसार,लूसोंग,सागा दावा,ल्हाबाब ड्युचेन,ड्रुपका टेशी औरभूमचू वे त्योहार हैं जो मनाये जाते हैं। लोसर - तिब्बती नव वर्ष लोसर, जो कि मध्य दिसंबर में आता है, के दौरान अधिकतर सरकारी कार्यालय एवं पर्यटक केन्द्र हफ़्ते भर के लिये बंद रहते हैं। गैर-मौसमी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये हाल ही मेंबड़ा दिन। बड़े दिन को गान्तोक में प्रसारित किया जा रहा है।[22]

पाश्चात्यरॉक संगीत यहाँ प्रायः घरों एवं भोजनालयों में, गैर-शहरी इलाक़ों में भी सुनाई दे जाता है।हिन्दी संगीत ने भी लोगों में अपनी जगह बनाई है। विशुद्ध नेपाली रॉक संगीत, तथा पाश्चात्य संगीत पर नेपाली काव्य भी अत्यंत प्रचलित हैं।फुटबॉल एवंक्रिकेट यहाँ के सबसे लोकप्रिय खेल हैं।

नूडल पर आधारित व्यंजन जैसे थुक्पा, चाउमीन, थान्तुक, फाख्तु, ग्याथुक और वॉनटनसर्वसामान्य हैं।मःम, भाप से पके और सब्जियों से भरे पकौडि़याँ, सूप के साथ परोसा हुआभैंस का माँस। भैंस अथवासूअर का माँस। सुअर का माँस लोकप्रिय लघु आहार है। पहाड़ी लोगों के आहार में भैंस, सूअर, इत्यादि के माँस की मात्रा बहुत अधिक होती है। मदिरा पर राज्य उत्पाद शुल्क कम होने के कारण राज्य मेंबीयर,विस्की,रम औरब्रांडी इत्यादि का सेवन किया जाता है।

सिक्किम में लगभग सभी आवास देहाती हैं जो मुख्यत: कड़ेबाँस के ढाँचे पर लचीले बाँस का आवरण डाल कर बनाये जाते हैं। आवास में ऊष्मा का संरक्षण करने के लिए इस पर गाय के गोबर का लेप भी किया जाता है। राज्य के अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर लकड़ी के घर बनाये जाते हैं।

राजनीति और सरकार

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सिक्किम की विधान सभा (गंतोक में स्थित)
व्हाइट हॉल कॉम्प्लेक्स होउसेस, सिक्किम के मुख्यमंत्री और राज्यपाल का आवास

भारत केअन्य राज्यों के समान,केन्द्रिय सरकार द्वारा निर्वाचितराज्यपाल राज्य शासन का प्रमुख है। उसका निर्वाचन मुख्यतः औपचारिक ही होता है, तथा उसका मुख्य काममुख्यमंत्री के शपथ-ग्रहण की अध्यक्षता ही होता है। मुख्यमंत्री, जिसके पास वास्तविक प्रशासनिक अधिकार होते हैं, अधिकतर राज्य चुनाव में बहुमत जीतने वाले दल अथवा गठबंधन का प्रमुख होता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री के परामर्श पर मंत्रीमण्डल नियुक्त करता है। अधिकतर अन्य राज्यों के समान सिक्किम में भीएकसभायी (एकसदनी? unicameral) सदन वाली विधान सभा ही है। सिक्किम को भारत की द्विसदनी विधानसभा के दोनों सदनों,राज्य सभा तथालोक सभा में एक-एक स्थान प्राप्त है। राज्य में कुल ३२ विधानसभा सीटें हैं जिनमें से एकबौद्ध संघ के लिए आरक्षित है।सिक्किम उच्च न्यायालय देश का सबसे छोटा उच्च न्यायालय है।[23]

State symbols[5]
राज्य पशुलाल पाण्डा
राज्य पक्षीरक्त महूका?
राज्य वृक्षबरुंश?
राज्य फूलपीनशिफ?

१९७५ में, राजतंत्र के अंत के उपरांत,कांग्रेस को १९७७ के आम चुनावों में बहुमत प्राप्त हुआ। अस्थिरता के एक दौर के बाद, १९७९ में,सिक्किम संग्राम परिषद पार्टी के नेतानर बहादुर भंडारी के नेतृत्व में एक लोकप्रिय मंत्री परिषद का गठन हुआ। इस के बाद, १९८४ और १९८९ के आम चुनावों में भी भंडारी ही विजयी रहे। १९९४ मेंसिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रन्ट केपवन कुमार चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री बने। १९९९ और २००४ के चुनावों में भी विजय प्राप्त कर, यह पार्टी अभी तक सिक्किम में राज कर रही है।[24][17] सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के नए मुख्यमंत्री बनाए गए। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद प्रेम सिंह ने सिक्किम के राज्य कर्मचारियों के लिए सप्ताह में दो दिन(शनिवार व रविवार) छुट्टी की घोषणा की।

अवसंरचना

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तिब्ब्त विज्ञान संग्रहालय एवं शोध केन्द्र

सिक्किम की सड़कें बहुधाभूस्खलन तथा पास की धारों द्वारा बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, परन्तु फिर भी सिक्किम की सड़कें अन्य राज्यों की सड़कों की तुलना में बहुत अच्छी हैं।सीमा सड़क संगठन(BRO),भारतीय सेना का एक अंग इन सड़कों का रख-रखाव करता है। दक्षिणी सिक्किम तथा रा०रा०-३१अ की सड़कें अच्छी स्थिति में हैं क्योंकि यहाँ भूस्खलन की घटनाएँ कम है। राज्य सरकार १८५७.३५ कि०मी० का वह राजमार्ग जो सी०स०सं० के अन्तर्गत नहीं आता है, का रख-रखाव करती है।[12]

सिक्किम में अनेकजल विद्युत बिजली स्टेशन (केन्द्र) हैं जो नियमित बिजली उपलब्ध कराते हैं, परन्तु संचालन शक्ति अस्थिर है तथा स्थायीकारों (stabilisers) की आवश्यकता पड़ती है। सिक्किम मेंप्रतिव्यक्ति बिजली प्रयोग १८२kWh है। ७३.२% घरों में स्वच्छ जल सुविधा उपलब्ध है,[12] तथा अनेक धाराओं के परिणाम स्वरूप राज्य में कभी भी अकाल या पानी की कमी की परिस्थितियाँ उत्पन्न नहीं हुई हैं। टिस्टा नदी पर कई जलविद्युत केन्द्र निर्माणशील हैं तथा उनका पर्यावरण पर प्रभाव एक चिन्ता का विषय है।

पत्राचार

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रुम्टेक विहार सिक्किम की सबसे प्रसिद्ध धरोहर है तथा वर्ष २००० में यह समाचारों में थी

दक्षिणी नगरीय क्षेत्रों में अंग्रेजी, नेपाली तथा हिन्दी के दैनिक पत्र हैं। नेपाली समाचार-पत्र स्थानीय रूप से ही छपते हैं परन्तु हिन्दी तथा अंग्रेजी के पत्रसिलिगुड़ी में। सिक्किम में नेपाली भाषा में प्रकाशित समाचार पत्रों की मांग विगत दिनों में बढ़ी हैं।समय दैनिक,हाम्रो प्रजाशक्ति,हिमाली बेला औरसांगीला टाइमस् इत्यादि नेपाली समाचार पत्र गान्तोक से प्रकाशित होते हैं जिनमेंहाम्रो प्रजाशक्ति राज्य का सबसे बड़ा और लोकप्रिय समाचार पत्र है। अंग्रेजी समाचार पत्रों मेंसिक्किम नाओ औरसिक्किम एक्सप्रेस,हिमालयन मिरर स्थानीय रूप से छपते हैं तथाद स्टेट्समैन तथाद टेलेग्राफ़सिलिगुड़ी में छापे जाते हैं जबकिद हिन्दू तथाद टाइम्स ऑफ़ इन्डियाकलकत्ता में छपने के एक दिन पश्चात्गान्तोक,जोरेथांग,मेल्ली तथाग्याल्शिंग पहुँच जाते हैं।सिक्किम हेराल्ड सरकार का आधिकारिक साप्ताहिक प्रकाशन है।हाल-खबर सिक्किम का एकमात्र अंतर्राष्ट्रिय समाचार का मानकीकृत प्रवेशद्वार है। सिक्किम सें 2007-में नेपाली साहित्य का ऑनलाइन पत्रिकाटिस्टारंगीत शुरू हुई है जिस का संचालनसाहित्य सिर्जना सहकारी समिति लिमिटेड] करती है।

अन्तर्जाल सुविधाएँ जिला मुख्यालयों में तो उपलब्ध हैं परन्तु ब्रॉडबैंड सम्पर्क उपलब्ध नहीं है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अभीअन्तर्जाल सुविधा उपलब्ध नहीं है। थाली विद्युत-ग्राहकों (Dish antennae) द्वारा अधिकतर घरों में उपग्रह दूरदर्शन सरणि (satellite television channels) उपलब्ध हैं। भारत में प्रसारित सरणियों के अतिरिक्त नेपाली भाषा के सरणि भी प्रसारित किये जाते हैं।सिक्किम केबल,डिश टी० वी०,दूरदर्शन तथानयुम (Nayuma) मुख्य सेवा प्रदाता हैं। स्थानीय कोष्ठात्मक दूरभाष सेवा प्रदाताओं (cellular phone service provider) की अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिनमें भारत संचार निगम लिमिटेड की सुविधा राज्य-विस्तृत है परन्तुरिलायन्स इन्फ़ोकॉम तथा एयरटेल केवल नगरीय क्षेत्रों में है। राष्ट्रियअखिल भारतीय आकाशवाणी राज्य का एकमात्रआकाशवाणी केन्द्र है।[25]

शिक्षा

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साक्षरता प्रतिशत दर ६९.६८% है, जो कि पुरुषों में ७६.७३% तथा महिलाओं में ६१.४६% है। सरकारी विद्यालयों की संख्या १५४५ है तथा १८ निजी विद्यालय भी हैं जो कि मुख्यतः नगरों में हैं।[12] उच्च शिक्षा के लिये सिक्किम में लगभग १२ महाविद्यालय तथा अन्य विद्यालय हैं।सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय आभियान्त्रिकी, चिकित्सा तथा प्रबन्ध के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। वह अनेक विषयों में दूरस्थ शिक्षा प्रदान करता है। राज्य-संचालित दो बहुशिल्पकेंद्र, उच्च तकनीकी प्रशिक्षण केन्द्र (उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र) तथा संगणक एवं संचार तकनीक केन्द्र (कंप्यूटर और संचार प्रौद्योगिकी केंद्र) आदि आभियान्त्रिकी की शाखाओं में सनद पाठ्यक्रम चलाते हैं। ATTC बारदांग,सिंगताम तथा CCCT चिसोपानि,नाम्ची में है। अधिकतर विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लियेसिलीगुड़ी अथवाकोलकाता जाते हैं।बौद्ध धार्मिक शिक्षा के लिएरुमटेक गोम्पा द्वारा संचालित नालन्दा नवविहार एक अच्छा केंद्र है।

सन्दर्भ

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टीका-टिप्पणी

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  9. {{cite web|url=http://sikkimipr.org/GENERAL/about_sikkim/SIKKIM.HTM%7Ctitle=About%5Bमृत+कड़ियाँ%5D Sikkim|accessdate=12 अक्टूबर 2006|date=29 सितंबर 2005|publisher=Department of Information and Public Relations, Government of Sikkim|archive-url=https://web.archive.org/web/20081103173727/http://http/

    इतिहास

    गुरु रिन्पोचे, सिक्किम के संरक्षक सन्त की मूर्ति.नाम्ची की मूर्ति १८८ फीट पर विश्व में उनकी सबसे ऊँची मूर्ति है।
    बौद्ध भिक्षुगुरु रिन्पोचे (पद्मसंभव) का ८वीं सदी में सिक्किम दौरा यहाँ से सम्बन्धित सबसे प्राचीन विवरण है। अभिलेखित है कि उन्होंनेबौद्ध धर्म का प्रचार किया, सिक्किम को आशीष दिया तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी की। मान्यता के अनुसार १४वीं सदी मेंख्ये बुम्सा, पूर्वीतिब्बत मेंखाम केमिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की। १६४२ ईस्वी में ख्ये के पाँचवें वंशजफुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारायुक्सोम में सिक्किम का प्रथमचोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ।फुन्त्सोंग नामग्याल के पुत्र,तेन्सुंग नामग्याल ने उनके पश्चात १६७० में कार्य-भार संभाला। तेन्सुंग ने राजधानी कोयुक्सोम सेरबदेन्त्से स्थानान्तरित कर दिया। सन १७०० मेंभूटान में चोग्याल की अर्ध-बहन, जिसे राज-गद्दी से वंचित कर दिया गया था, द्वारा सिक्किम पर आक्रमण हुआ। तिब्बतियों की सहयता से चोग्याल को राज-गद्दी पुनः सौंप दी गयी। १७१७ तथा १७३३ के बीच सिक्किम को नेपाल तथा भूटान के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा जिसके कारण रबदेन्त्से का अन्तत:पतन हो गया।
    सिक्किम के पुरानेराजशाही का ध्वज
    1791 में चीन ने सिक्किम की मदद के लिये और तिब्बत को गोरखा से बचाने के लिये अपनी सेना भेज दी थी। नेपाल की हार के पश्चात, सिक्किमकिंग वंश का भाग बन गया। पड़ोसी देशभारत मेंब्रतानी राज आने के बाद सिक्किम ने अपने प्रमुख दुश्मननेपाल के विरुद्ध उससे हाथ मिला लिया। नेपाल ने सिक्किम पर आक्रमण किया एवंतराई समेत काफी सारे क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। इसकी वज़ह सेईस्ट इंडिया कम्पनी ने नेपाल पर चढ़ाई की जिसका परिणाम १८१४ कागोरखा युद्ध रहा।सिक्किम और नेपाल के बीच हुईसुगौली संधि तथा सिक्किम और ब्रतानवी भारत के बीच हुईतितालिया संधि के द्वारा नेपाल द्वारा अधिकृत सिक्किमी क्षेत्र सिक्किम को वर्ष १८१७ में लौटा दिया गया। यद्यपि, अंग्रेजों द्वारा मोरांग प्रदेश में कर लागू करने के कारण सिक्किम और अंग्रेजी शासन के बीच संबंधों में कड़वाहट आ गयी। वर्ष १८४९ में दो अंग्रेज़ अफसर, सर जोसेफ डाल्टन और डाक्टर अर्चिबाल्ड कैम्पबेल, जिसमें उत्तरवर्ती (डाक्टर अर्चिबाल्ड) सिक्किम और ब्रिटिश सरकार के बीच संबंधों के लिए जिम्मेदार था, बिना अनुमति अथवा सूचना के सिक्किम के पर्वतों में जा पहुंचे। इन दोनों अफसरों को सिक्किम सरकार द्वारा बंधी बना लिया गया। नाराज ब्रिटिश शासन ने इस हिमालयी राज्य पर चढाई कर दी और इसे १८३५ में भारत के साथ मिला लिया। इस चढाई के परिणाम वश चोग्याल ब्रिटिश गवर्नर के अधीन एक कठपुतली राजा बन कर रह गया।<ref name="Hist">"History of Sikkim". Government of Sikkim.29 अगस्त 2002.मूल से से 30 अक्तूबर 2006 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर 2006.{{cite web}}:Check date values in:|date= (help)
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  24. सन्दर्भ त्रुटि:<ref> का गलत प्रयोग;Hist नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  25. "Entertainment in Sikkim". Sikkiminfo.net. 18 अगस्त 2011 को मूल सेपुरालेखित. अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर 2006.

बाहरी कड़ियाँ

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