निरोध याकॉण्डम एक म्यान के आकार का पुरुष गर्भनिरोधक साधन है, जिसेगर्भाधान रोकने के अलावाएड्स जैसेयौन संचारित रोगों अथवासंक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करने हेतु भी उपयोग किया जाता है।[1] यद्यपि पुरुष निरोध अधिक प्रचलित हैं, परंतु पुरुषों के अलावामहिला कंडोम भी होते हैं, जिन्हें सहवास के दौरान स्त्री कीयोनि में लगाया जाता है।[2] वर्ष २००७ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार वैश्विक स्तर पर वे महिलायें जिनके पुरुष जोड़ीदार नियमित रूप से निरोध का उपयोग करते हैं, उनमेंगर्भावस्था दर केवल २% है।[1] तथा सामान्य उपयोग के साथ गर्भावस्था की दर प्रति वर्ष 18% पाई गई है।[3] उनके उपयोग सेसूजाक,क्लैमिडिया,ट्राइकोमोनिएसिस,हेपेटाइटिस बी औरएचआइवी-एड्स का खतरा काफी कम हो जाता है। कुछ हद तक, वेजननांग दाद,मानव अंकुरार्बुद विषाणु (एचपीवी), औरउपदंश से भी बचाते हैं।[1]
कंडोम को सहवास से पहले पुरुषों द्वारा अपने स्तंभितलिंग पर चढ़ाया जाता है। यह एक भौतिक बाधा प्रदान करता है जोवीर्य को पुरुष के यौन साथी के शरीर में पहुँचने से अवरोधित कर देता है।[1][4] पुरुषों का कंडोमलेटेक्स ("रबड़" जैसा एक पदार्थ) या पॉलीयुरीथेन से बना होता है।यूरोप में ऐतिहासिक तौरपर (एवं कई स्थानों में अभी भी) भेंड की आंतों से कंडोम बनए जाते थे। यह आमतौर पर एक प्लास्टिक की थैली में लिपटे होते है।[1] महिला निरोध की तुलना में पुरुष निरोध सुविधाजनक, सुलभ और दुष्परिणाम-मुक्त होते हैं। तथापि, लैटेक्स एलर्जी वाले पुरुषों को लैटेक्स के बजाय अन्य पदार्थों से बने कंडोम (जैसे पोलयूरिथेन कंडोम) का उपयोग करना चाहिए।[1] यद्यपि पुरुष निरोध (जो केवल एक बार उपयोग के लिए बनाए गए होते हैं) सामान्यतः लैटेक्स से बने होते हैं परंतु महिला निरोध सामान्यतः पोलयूरिथेन से बने होते हैं और उन्हें एकाधिक बार उपयोग किया जा सकता है।[4]
यौन संक्रमण से बचाव के तौरपर कंडोम जैसी युक्तियों का उल्लेख हमें मध्यकाल से ही मिलता है।यूरोप में १५६४ से कंडोम को संक्रमण सुरक्षा हेतु उपयोग किया जाता रहा है।[1] रबर से बने कंडोम सं १८५५ से आने शुरू हुए तथा लैटेक्स कंडोम १९२० के दशक से उपलब्ध होने लगे।[5][6] यहविश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में भी सूचीबद्ध है।[7] 2019 तक, विश्व स्तर परसंततिनिरोध का उपयोग करने वालों में से लगभग 21% लोग कंडोम का उपयोग करते हैं, अतः यहमहिला नसबंदी (24%) के बादसंतति नियंत्रण का दूसरा दूसरा सबसे प्रचलित तरीका है।[8]पूर्वी एशिया,दक्षिण पूर्व एशिया,यूरोप औरउत्तरी अमेरिका में कंडोम के उपयोग की दरें सबसे अधिक हैं।[8] वैश्विक स्तर पर सालाना लगभग छह से नौ अरब कंडोम बेचे जाते हैं।[9]